
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक काजविन शहर के चुनाव में 27 साल की नीना
स्याहकली मोरादी को 10 हजार वोट मिले थे और 163 उम्मीदवारों में वो 14वें
स्थान पर थीं. नीना 'सिटी ऑफ द काउंसिल' की वैकल्पिक सदस्य तो बनीं लेकिन
ऐसी स्थिति में उनसे ऊपर रैंकिंग वाला कोई सदस्य अगर अपना नाम वापस लेता तो
सीट नीना को मिलनी चाहिए थी. मेयर के लिए जिसे चुना गया उसने अपना नाम
वापस ले लिया लेकिन बावजूद इसके नीना को सीट नहीं दी गई. नीना को
डिसक्वालीफाई कर दिया गया और वेकेंसी भरने से रोक दिया गया.
काजविन के एक सीनियर अधिकारी ने कहा,
'हमें काउंसिल के लिए किसी
कैटवॉक करने वाली मॉडल की जरूरत नहीं है.' नीना ने आर्किटेक्चर से
ग्रैजुएशन किया हुआ है और अपने दोस्तों की मदद से सिटी काउंसिल चुनावों के
लिए हाई प्रोफाइल इलेक्शन कैंपेन चलाया था. ईरान के इंटरनेशनल कैंपेन फॉर
ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, 'इस्लामिक कोड का पालन नहीं करने की वजह से
उन्हें डिस्क्वालीफाई किया गया.
'
वहीं नीना ने लोकल मीडिया से बात करते हुए कहा, 'करीब 10 हजार
लोगों ने मेरे लिए वोट किया और उसके आधार पर मुझे सिटी काउंसिल का पहला
वैकल्पिक मेंबर होना चाहिए.'
काजवीन के एमपी और चुनाव समीक्षा बोर्ड के मेंबर सैयद रजा होसैनी ने
कहा, 'अयोग्य करार दिए जाने की वजह से नीना के वोट को खारिज कर दिया गया
है. जैसा कि रिव्यू बोर्ड ने भी उसकी साख को मंजूरी नहीं दी है. हमने
उन्हें (नीना को) अयोग्य करार दिए जाने का कारण बता दिया है.'